अठै अन्न-धन्न री गंगा बैवै है अठै रा मिनख घणैइ मजै म्है रैवै है
बीजळी ?
ना सा, जगण आळी बीजळी रो अठै कांइं काम ?
अठै तो बाळण आळी बीजळियां पड़ै है कदै काळ री,
कदै गड़ां री,
कदै तावड़ै री जिकी टैमो-टैम चांदणो कर देवै है ऐ गाम है सा अठै रा मिनख घणैइ मजै म्है रैवे है ...
दुकान ?
ना सा, बा दुकान कोनी बा तो मसाण है जिकी मिनख तो मिनख,
बांरै घर नै भी खावै है बठै बैठ्यो है एक डाकी,
जिको एक रुपियो दे' र दस माथै दसकत करावै है पैली तो बापड़ा लोग,
आपरी जागा,
टूमां अर बळद अढाणै राख' र करजो लेवै है पछै दादै रै करज रो बियाज पोतो तक देवै है करजो तोई चढय़ो रैवे है ऐ गाम है सा अठै रा मिनख घणैइ मजै म्है रैवै है ...
डागदर?
डागदर रो कांई काम है सा ?
बिंरौ कांई अचार घालणो है ?
अठै पैली बात तो कोई बीमार पड़ै कोनी अर पड़ इ जावै तो फेर बचै कोनी जणां डागदर री अणूती भीड़ कर' र कांई लेवणो ? ताव चढ़ो के माथो दुःखो टी.बी. होवो चाये माता निकळो अठै रा लोग तो घासो घिस-घिस अर देवै है अनै धूप रामजी रो खेवै है ऐ गाम है सा अठै रा मिनख घणैइ मजै म्है रैवै है
रामलीला?
आ थानै रामलीला दीठै ?
आ तो पेटलीला है सा जिकै म्है घर रा सगळा टाबर-टिंगर लड़ै है,
कुटीजै है ...
पेट तो किंरो इ कोनी भरै,
पण ...
मूंडो तो ऐंठो कर इ लेवै है जणा इ तो दुनिया कैवै है ऐ गाम है सा अठै रा मिनख घणै इ मजै म्है रैवै है